नव संवतसर प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है। इस दिन से हिन्दु नूतन वर्ष (विक्रम संवत)का प्रारम्भ होता है। इस दिन अपने आराध्य देव एवं देवी की पूजा करनी चाहिये. ईश्वर से वर्ष के सफल होने की प्रार्थना करनी चाहिये।
नव संवतसर प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है। इस दिन से हिन्दु नूतन वर्ष (विक्रम संवत)का प्रारम्भ होता है। इस दिन अपने आराध्य देव एवं देवी की पूजा करनी चाहिये. ईश्वर से वर्ष के सफल होने की प्रार्थना करनी चाहिये।