भैया दूज का पर्व कार्तिक मास की द्वितीया को मनाया जाता है। इसे यमद्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार एक दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर पहुँचे। यमुना ने अपने भाई का बहुत आदर सत्कार किया। यमुना ने यमराज को अपने हाथ से बने हुए पकवान खिलाए। यमुना ने भाई के माथे पर तिलक भी किया। यमराज ने बहन को बहुत सुन्दर उपहार दिया। यमराज ने यमुना के स्नेह से प्रसन्न होकर वरदान दिया कि जो बहन आज के दिन भाई को तिलक लगायेगी वो तथा उसका भाई यमलोक नहीं जायेगें।